माता भिमेश्वरी देवी मंदिर, बेरी

 

माता भिमेश्वरी देवी मंदिर, बेरी

 

 




दिशा

मंदिर इतिहास और मंदिर किंवदंती


एक लोकप्रिय कहानी के मुताबिक, देवी को भीमेश्वरी नाम दिया गया है क्योंकि देवी की मूर्ति भीमा द्वारा स्थापित की गई थी। ऐसा माना जाता है कि महाभारत युद्ध की शुरुआत से पहले, भगवान श्री कृष्ण ने भीम से अपने कुलदेवी को कुरुक्षेत्र के युद्ध के मैदान में लाने और उससे आशीर्वाद लेने के लिए कहा। इसलिए, भीमा पाकिस्तान के हिंगजाल पहाड़ के पास गए और अपने कुलदेवी से युद्ध के मैदान में जाने का अनुरोध किया। देवी आसानी से सहमत हो गई लेकिन एक शर्त निर्धारित की। उसने कहा कि वह उसके साथ जाएगी, लेकिन अगर उसने मूर्ति को रास्ते में रखा है तो वह आगे नहीं बढ़ेगी। रास्ते में भीम ने लघुशंका करने के लिए देवी की मूर्ति को एक बेरी पेड़ के नीचे रख दी। भीम को प्यास भी लगी थी। इसलिए, उन्होंने पानी निकालने के लिए जमीन पर अपने घुटने से  टक्कर दी। बाद में, जब उसने देवी की मूर्ति को उठाने की कोशिश की तो अचानक उसने इस शर्त को याद किया। भीम ने देवी का आशीर्वाद लिया और कुरुक्षेत्र गए। महाभारत युद्ध खत्म हो जाने के बाद, जब गांधीरी वहां से चली गई तो उसने अपनी कुल्देवी की मूर्ति देखी। गांधीरी ने एक ही स्थान पर एक मंदिर का निर्माण किया। गांधीरी द्वारा स्थापित मंदिर अब मौजूद नहीं है, लेकिन देवी की गद्दी अभी भी मौजूद है। आज, बेरी में देवी मां का  एक अद्भुत मंदिर बनाया गया है।

 

 मूर्ति एक, मंदिर दोपूरे देश में यह ऐसा अनोखा मंदिर है, जहां पर मां की मूर्ति तो एक है, लेकिन मंदिर दो। मां भीमेश्वरी देवी की प्रतिमा को बाहर वाले मंदिर में सुबह 5 बजे लाया जाता है। दोपहर 12 बजे मां की मूर्ति को पुजारी अपनी गोद में उठाकर शहर के अंदर वाले मंदिर में लेकर जाते हैं। बाद में मां रात भर अंदर वाले मंदिर में आराम करती हैं। इसको लेकर मान्यता है कि मां का मंदिर जंगलों में था। तब ऋषि दुर्वाषा ने मां से विनति की कि वे उनके आश्रम में आकर भी रहे। तब से ही दो मंदिरों की परंपरा चल रही है। 
 

कैसे पहुंचें:

बाय एयर

सबसे नजदीकी हवाई अड्डा इंदिरा गांधी हवाई अड्डा है जो केवल 54 कि.मी. है।

ट्रेन द्वारा

सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन झज्जर है जो कि 12 कि.मी. है।

 

सड़क के द्वारा

देश के प्रत्येक कोने से आप झज्जर के लिए बस या टैक्सी ले सकते है और बेरी के लिए प्रत्यके प्रमुख शहर से बसो टैक्सी की व्यवस्था है।

 

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